नई दिल्ली। देश में साइबर हमलों की संख्या में पिछले तीन सालों में तीन गुना वृद्धि हुई है। साइबर सुरक्षा के लिए दी गई धनराशि का भी कम उपयोग किया गया है। कुल स्वीकृत 213 करोड़ रुपये में से केवल 98.31 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2019 में भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) द्वारा ट्रैक की गई साइबर हमलों की कुल संख्या चार लाख से नीचे थी लेकिन इस वर्ष जून तक ही 6,74,021 घटनाएं दर्ज की गईं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के सर्वरों को 23 नवंबर को ठप कर देने वाले साइबर हमले को अभी पूरी तरह से सुलझाया जाना बाकी है। सीईआरटी-इन, दिल्ली पुलिस समेत कई एजेंसियां देश के इस महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान पर हुए साइबर हमले की जांच में जुटी हैं। इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक दिसंबर को साइबर हमलावरों ने जल शक्ति मंत्रालय के ट्विटर हैंडल को आंशिक रूप से हैक कर लिया था जोकि हाल में सरकारी साइट पर दूसरा बड़ा साइबर हमला था।