दिल्ली। लैक्टोज इंटॉलरेंस पाचन संबंधी विकार है। इस स्थिति में शरीर लैक्टोज को डाइजेस्ट नहीं कर पाता है। आसान शब्दों में कहें तो दूध और दुग्ध उत्पादों से एलर्जी लैक्टोज इंटॉलरेंस की वजह से होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो लैक्टोज इंटॉलरेंस होने पर व्यक्ति को डेयरी उत्पादों के सेवन से पेट संबंधी समस्या होती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए डाइट में कैल्शियम और विटामिन-डी रिच फूड्स जरूर शामिल करें। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
लैक्टोज इंटॉलरेंस के कारण
लैक्टोज एक प्रकार का एंजाइम है, जिसका निर्माण छोटी आंत में होता है। जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में लैक्टोज का निर्माण नहीं होता है। तब लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या होती है। यह एक अनुवांशिकी रोग भी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। वहीं, दुग्ध उत्पादों के कम सेवन से भी लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए कैल्शियम रिच फूड्स खाने की सलाह दी जाती है।
लैक्टोज इंटॉलरेंस के लक्षण
-पेट फूलना
-पाचन में गड़बड़ी
-पेट में सूजन
-उल्टी
-दस्त
-गैस
-बदहजमी
-पेट दर्द होना
-जी मिचलाना
-पेट में हलचल
सी फूड खाएं
सीफूड में कैल्शियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। इसके सेवन से न केवल कैल्शियम की कमी दूर होती है, बल्कि बैड कॉलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल में रहता है। इसके लिए सीफ़ूड साल्मन, टूना, मेकरेल का सेवन कर सकते हैं।
बादाम में भी कैल्शियम पाया जाता है। डाइट चार्ट की मानें तो बादाम में आवश्यक पोषक तत्व कैल्शियम, हेल्दी फैट और प्रोटीन, मैग्नीशियम, मैंगनीज और विटामिन-ई पाए जाते हैं। इसके लिए रोजाना बादाम का सेवन जरूर करें।
हरी सब्जियां खाएं
डॉक्टर सेहतमंद रहने के लिए हरी सब्जियां खाने की सलाह देते हैं। आप अपनी डाइट में केल, पालक और ब्रोकली को शामिल कर सकते हैं। इनमें कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। साथ में कैल्शियम रिच फूड्स का भी सेवन करें। इन चीजों के सेवन से लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या में आराम मिलता है।