रायपुर। कोल स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग प्रकरण में आरोपी बनाए गए भिलाई के विधायक ने जमानत के लिए आवेदन लगाया था। उनके अधिवक्ता संजय कुमार श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि ईडी ने आयकर विभाग द्वारा दर्ज किए गए प्रकरण के आधार पर केस दर्ज किया है। आईटी का प्रकरण में कोई केस नहीं बनने के बाद भी ईडी ने नियमो को ताक पर रखकर उनके पक्षकार को आरोपी बनाया है।
सुप्रीम कोर्ट पहले भी इस तरह के प्रकरणों को गैर कानूनी कर चुकी है। इसके बाद भी उनके पक्षकार को परेशान करने के लिए आरोपी बनाया गया है। इसे देखते हुए उन्हें जमानत दी जाए। वहीं ईडी के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर देवेन्द्र यादव को आरोपी बनाया गया है।
विधानसभा चुनाव के दौरान कोल स्कैम के जरिए अर्जित की गई बेहिसाब रकम खर्च की गई है। बचाव पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग को पूरा हिसाब दिया गया है। साथ ही उनकी अनुमति से राशि खर्च की गई है। ईडी मनगंढ़त आरोप लगाया रही है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत को खारिज कर दिया।
6 लोगों को फिर नोटिस
कोल स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व विधायक चंद्रदेव राय, रजनीकांत तिवारी, मनीष उपाध्याय, पीयूष साहू, नवनीत तिवारी और नारायण साहू को कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराने समंस जारी किया है। वहीं नोटिस पर उनके अधिवक्ता के उपस्थित होने पर विधायक देवेन्द्र यादव, कांग्रेस नेता आरपी सिंह, विनोद तिवारी और अनुराग चौरसिया 500-500 रुपए का जमानती वारंट जारी किया गया है।
इनका आवेदन खारिज
ईडी की ओर से रामगोपाल अग्रवाल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए कोर्ट में आवेदन लगाया गया था। इसमें बताया गया कि पूछताछ के लिए उपस्थिति दर्ज कराने कई बार नोटिस जारी किया गया है। लेकिन, उनकी ओर से कोई जबाव और उपस्थिति दर्ज नहीं कराई गई है।
कोर्ट ने आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि ईडी समक्ष जांच एजेंसी है वह कार्रवाई कर सकती है। वहीं कोल स्कैम में जेल भेजे गए दीपेश टांक के ओर से एक आवेदन लगाया गया था। इसमें मुलाकात करने की अनुमति मांगी गई थी। विशेष न्यायाधीश ने जेल मैन्युअल के अनुसार मुलाकात की अनुमति देने का आदेश जारी किया है।