अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता को जान से मारने की धमकी

अजमेर। अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर का दावा करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता को जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी एक कॉल के माध्यम से दी गई थी, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को कनाडा में होने का दावा किया। धमकी देने वाले ने विष्णु गुप्ता को कहा कि "तेरा सर कलम कर दिया जाएगा।" कॉल करने वाले ने यह भी कहा कि गुप्ता ने अजमेर दरगाह का मामला कोर्ट में दायर करके एक बड़ी गलती की है। धमकी देने वाले ने दो कॉल की विष्णु गुप्ता ने बताया कि उन्हें दो फोन कॉल्स आई हैं। पहले कॉल करने वाला व्यक्ति ने खुद को कनाडा से बताया, जबकि दूसरा कॉल करने वाला भारत से था। दोनों ने गुप्ता को जान से मारने की धमकी दी। गुप्ता ने साफ कहा कि वह इन धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और वह कानून के तहत अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने इस मामले की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

गुप्ता ने दिल्ली पुलिस में की शिकायत धमकी मिलने के बाद, विष्णु गुप्ता ने दिल्ली के बाराखंभा पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि उनका मकसद न्यायालय के माध्यम से अपनी मांग को सही तरीके से उठाना है और अपने मंदिरों को वापस लेना है। गुप्ता ने यह भी कहा कि अजमेर दरगाह कभी शिव मंदिर हुआ करता था और भविष्य में भी रहेगा। विष्णु गुप्ता का दावा: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर विष्णु गुप्ता ने अजमेर शरीफ दरगाह के अंदर शिव मंदिर होने का दावा किया है। उन्होंने इस मामले को कोर्ट में उठाया और कहा कि दरगाह में एक प्राचीन शिव मंदिर के होने के सबूत हैं। इस मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को होने वाली है। गुप्ता के अनुसार, 27 नवंबर को अदालत ने उनकी याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था और मामले की जांच के लिए तीन पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था।

वकील ने कोर्ट से क्या कहा?

गुप्ता के वकील ने बताया कि अदालत ने इस मामले में तीन पक्षों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है, जो यह साबित करेंगे कि दरगाह के अंदर एक शिव मंदिर था। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को तय की है। इस मामले पर गुप्ता और उनके समर्थकों का मानना है कि दरगाह के अंदर एक मंदिर था, जिसे समय के साथ छिपा दिया गया।

कौन हैं विष्णु गुप्ता? 

विष्णु गुप्ता उत्तर प्रदेश के एटा जिले के रहने वाले हैं। गुप्ता ने कम उम्र में ही दिल्ली का रुख किया और हिंदू राष्ट्रवाद से प्रभावित होकर शिव सेना की युवा शाखा में शामिल हो गए। इसके बाद, 2008 में वह बजरंग दल के सदस्य बने। 2011 में उन्होंने कुछ अन्य लोगों के साथ हिंदू सेना की स्थापना की। आज, गुप्ता का दावा है कि उनकी संगठन के लाखों सदस्य देशभर में हैं। धमकियां मिलने के बावजूद गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि वह इस लड़ाई से डरने वाले नहीं हैं और उनका उद्देश्य कानून के दायरे में रहकर न्याय प्राप्त करना है। अब देखना यह है कि 20 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई क्या मोड़ लेती है और क्या गुप्ता का दावा सच साबित होता है।

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