इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकाने पर हवाई हमला किया है।
यह हमला उस समय हुआ जब बुधवार सुबह से इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच सीजफायर लागू था।
इजरायली सेना के अनुसार, यह हवाई हमला उस स्थान पर किया गया था जहां हिज्बुल्लाह संगठन मध्यम दूरी के रॉकेट को स्टोर करता था।
सेना ने इसे आत्मरक्षा की कार्रवाई बताया और कहा कि हिज्बुल्लाह द्वारा इजरायल की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी।
युद्धविराम पर सवाल
यह हमला युद्धविराम के कुछ ही घंटों बाद हुआ है, जिससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या इजरायल ने समझौते का उल्लंघन किया है।
हालांकि, इजरायली अधिकारियों ने दावा किया है कि यह कदम हिजबुल्लाह की आक्रामक गतिविधियों के जवाब में उठाया गया।
तनाव बढ़ने के आसार
दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह और इजरायली सेना के बीच पिछले कुछ हफ्तों में लगातार संघर्ष देखने को मिला है। हाल ही में हिजबुल्लाह ने इजरायल पर सीमा पार से कई हमले किए थे, जिसका जवाब इजरायली सेना ने तोप और मिसाइलों से दिया।
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान में 60 से अधिक दिनों तक चले इजरायली हमलों ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई। राजधानी बेरूत से लेकर दक्षिणी शहर टायर तक हर जगह इजरायली हमलों की गूंज सुनाई दी। युद्धविराम के बाद अब लेबनानी लोग अपने घरों को लौट रहे हैं। हालांकि, हालिया हमले के बाद अब वह खौफ की जद में रहने को मजबूर हैं।
हिज्बुल्लाह का गढ़ माने जाने बेरूत के दक्षिणी उपनगर दाहियेह में पूरे के पूरे ब्लॉक ध्वस्त हो गए हैं। ऊंची इमारतें अब टूटे हुए कंक्रीट के ढेर में बदल गई हैं।
पिछले महीने एक इजरायली रॉकेट ने एक अपार्टमेंट को तबाह कर दिया था, जिससे आग और चिंगारियों का गुबार उठता हुआ देखा गया।
दक्षिणी शहर टायर में मिसाइल हमलों के बाद गहरे काले और सफेद धुएं का गुबार भूमध्य सागर तक फैल गया। वहीं, गांव फलाविएह शहर में हमलों की तीव्रता इतनी अधिक थी कि एक कार पेड़ों के बीच उलटी पड़ी मिली।
कैसे शुरू हुआ यह खूनी खेल
इजरायल ने सितंबर के अंत में लेबनान में अपने हमले तेज कर दिए थे। उनका उद्देश्य हिज्बुल्लाह की क्षमताओं को कमजोर करना और उत्तरी इजरायल पर उसके रॉकेट हमलों को रोकना था।
ये हमले तब शुरू हुए जब हिज्बुल्लाह ने 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद इजरायल पर रॉकेट दागे थे। इस संघर्ष ने लेबनान में मानवीय संकट को और गहरा कर दिया।
12 लाख से अधिक लेबनानी नागरिक अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए, जबकि हजारों इजरायली भी सीमा पार के क्षेत्रों से पलायन कर गए।
युद्धविराम के बाद क्या बदलेंगे हालात
युद्धविराम के बाद भी, बेरूत और दक्षिणी लेबनान के कई हिस्सों में हालात सामान्य होने में समय लगेगा। दोनों पक्षों के बीच गहराते तनाव ने क्षेत्र में शांति की संभावनाओं को कमजोर कर दिया है।
हालिया हलमे के बाद अब सवाल यह है कि क्या यह युद्धविराम स्थायी साबित होगा या फिर एक और संघर्ष की शुरुआत का संकेत है।
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